मौसम समाचार
देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून की सक्रियता, प्री-मॉनसून बारिश, और गर्मी की लहरें देखने को मिल रही हैं। यहाँ भारत के प्रमुख क्षेत्रों का विस्तृत मौसम पूर्वानुमान प्रस्तुत है
उत्तर भारत: बारिश और आंधी की चेतावनी
उत्तर भारत के कई राज्यों में मौसम विभाग ने 28 मई से 2 जून तक बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में 70 किमी/घंटा तक की तूफानी हवाएं चलने का अनुमान है|
दिल्ली-एनसीआर में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश के साथ बिजली की गरज भी हो सकती है। अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है, जो सामान्य से 1-2 डिग्री कम होगा|
मध्य भारत: गर्मी का प्रकोप
मध्य भारत के राज्यों में गर्मी का असर बना हुआ है। लखनऊ में अधिकतम तापमान 38°C और न्यूनतम तापमान 28°C रहने की संभावना है। आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे, लेकिन बारिश की संभावना कम है|
दक्षिण भारत: मानसून की दस्तक
दक्षिण भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय हो गया है। केरल में मानसून ने समय से पहले दस्तक दी है, और अगले 2-3 दिनों में यह कर्नाटक, तेलंगाना और ओडिशा में आगे बढ़ेगा|
महाराष्ट्र में मानसून की पहली बारिश के साथ ही कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मौसम विभाग ने जून महीने में औसत से 106% अधिक बारिश का अनुमान जताया है|
पूर्वोत्तर भारत: भारी बारिश की संभावना
पूर्वोत्तर भारत में भी मानसून सक्रिय है। असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव क्षेत्र इन राज्यों में वर्षा को प्रभावित कर रहा है|
तापमान और वायु गुणवत्ता
देश के विभिन्न शहरों में तापमान और वायु गुणवत्ता की स्थिति इस प्रकार है:
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दिल्ली: अधिकतम तापमान 38°C, वायु गुणवत्ता मध्यम।
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मुंबई: अधिकतम तापमान 32°C, वायु गुणवत्ता संतोषजनक।
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कोलकाता: अधिकतम तापमान 34°C, वायु गुणवत्ता मध्यम।
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चेन्नई: अधिकतम तापमान 36°C, वायु गुणवत्ता संतोषजनक।
भारत फोरकास्ट सिस्टम (BFS): मौसम पूर्वानुमान में नई तकनीक
भारत ने मौसम पूर्वानुमान की दिशा में बड़ी छलांग लगाई है। ‘भारत फोरकास्ट सिस्टम’ (BFS) के माध्यम से अब 6 किलोमीटर के दायरे में भी सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। इस प्रणाली से किसानों, मछुआरों और आम जनता को मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी|
किसानों के लिए सलाह
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फसल सुरक्षा: तेज हवाओं और बारिश से फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करें।
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बिजली गिरने से बचाव: खुले मैदानों में काम करते समय सावधानी बरतें और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें।
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सिंचाई प्रबंधन: बारिश के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए सिंचाई की योजना बनाएं।
किसानों को बारिश से होने वाले फायदे
1. सिंचाई की लागत में कमी
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बारिश से फसल की सिंचाई प्राकृतिक रूप से हो जाती है, जिससे किसानों को ट्यूबवेल, पंप सेट या अन्य सिंचाई साधनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
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इससे बिजली और डीजल की लागत कम होती है, जिससे किसानों की उत्पादन लागत घटती है।
2. मिट्टी की उर्वरता में सुधार
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बारिश से मिट्टी में नमी बढ़ती है, जिससे सूक्ष्मजीव सक्रिय हो जाते हैं और जैविक गतिविधियाँ बढ़ती हैं।
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अच्छी बारिश मिट्टी के भीतर तक पानी पहुंचाकर पोषक तत्वों को घुलनशील बनाती है, जिससे फसलें बेहतर पोषण ले पाती हैं।
3. धान और गन्ने जैसी फसलों के लिए आवश्यक
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धान (चावल) और गन्ने जैसी जल-आधारित फसलों को अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है, जो बारिश से पूरा होता है।
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ये फसलें बारिश पर बहुत हद तक निर्भर होती हैं, और अच्छी वर्षा से इनकी पैदावार में वृद्धि होती है।
4. जल स्रोतों का पुनर्भरण
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बारिश से तालाब, कुएं, नहरें और जलाशय भर जाते हैं, जिससे लंबे समय तक सिंचाई के लिए जल उपलब्ध रहता है।
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भूजल स्तर बढ़ता है, जिससे किसानों को गर्मियों में भी पानी मिलता है।
5. कृषि वानिकी और चारागाह को लाभ
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जिन किसानों के पास बागवानी या पशुपालन है, उनके पौधों और चारे के लिए भी वर्षा अत्यंत लाभकारी होती है।
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प्राकृतिक चारागाह हरे-भरे हो जाते हैं, जिससे मवेशियों को बेहतर चारा मिलता है।
6. बीज अंकुरण में सहायक
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अच्छी बारिश बीजों को अंकुरण के लिए आवश्यक नमी प्रदान करती है।
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खेतों की जुताई के बाद यदि वर्षा समय पर हो, तो बीज अच्छी तरह से जमते हैं और फसल की शुरुआत मजबूत होती है।
7. कृषि विविधता में सहायता
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जहां नहर या सिंचाई की सुविधा नहीं होती, वहां बारिश आधारित खेती (रेनफेड एग्रीकल्चर) ही मुख्य विकल्प होती है।
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बारिश से किसान धान, मक्का, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन आदि वर्षा आधारित फसलें उगा सकते हैं।
8. कृषि रोजगार के अवसर
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वर्षा के साथ ही रोपाई, बुवाई, निराई-गुड़ाई आदि कृषि कार्य शुरू हो जाते हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी और रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें
हालांकि बारिश बहुत फायदेमंद है, लेकिन यदि यह अत्यधिक या अनियमित हो जाए, तो यह नुकसान भी पहुंचा सकती है। इसलिए:
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किसानों को मौसम विभाग की सलाह का ध्यान रखना चाहिए।
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फसलों के लिए ड्रेनेज सिस्टम (जल निकासी व्यवस्था) की व्यवस्था करनी चाहिए।
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अत्यधिक बारिश की स्थिति में खेतों में पानी जमा न हो, इसका ध्यान रखें।
आगामी दिनों का पूर्वानुमान
अगले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम की स्थिति इस प्रकार रहने की संभावना है:
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उत्तर भारत: बारिश और गरज-चमक के साथ तेज हवाएं।
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मध्य भारत: गर्मी का असर बना रहेगा।
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दक्षिण भारत: मानसून की प्रगति के साथ बारिश में वृद्धि।
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पूर्वोत्तर भारत: भारी बारिश की संभावना|
इस प्रकार, 29 मई 2025 को भारत में मौसम की स्थिति विविध है, और विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग मौसम परिदृश्य देखने को मिल रहे हैं। मौसम विभाग की चेतावनियों और सलाहों का पालन करके हम सुरक्षित रह सकते हैं और अपने दैनिक कार्यों की योजना बना सकते हैं।
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